Monday, April 12, 2010

याद आये वो पल


कहते है वो यादें ही है जो हमेशा हमारे साथ रहती है। समय के साथ पुराने रिश्ते खत्म होते है और कई नये रिश्ते बनते है, पर वो यादें ही है जो हर बीतते समय के साथ और मजबूत हो जाती है।बात जब कॉलेज लाइफ के यादों की हो तो मजा दुगना हो जाता है। कई स्मृतियाँ और मस्ती के पल आँखो के सामने एक फीचर फिल्म की तरह चलने लगते है। कुछ हँसने के पल, कुछ मस्ती के लम्हें, वो रुठना, वो मनाना, वो सारे अनकहे लम्हें यादों के झरोखे में आ जाते है। साथ ही जब हमें एक ऐसा मंच मिल जाये जो कि हमारी उन यादों को ताजा कर दे और हमें उन यादों से जोड़ दे तो मजा बढ़ जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ 4 अप्रैल 2010 को जब माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पुराने छात्रों का सम्मेलन हुआ। वह दृश्य इतना मनोरम था कि सारे लोग अपनी यादों की दुनिया में खो गये। वो सारी यादें ताजा हो गई। मानो वो सारे लोग दुबारा अपनी युवा अवस्था में आ गये हो और अपने कॉलेज लाइफ को जी उठे। सारे पुराने छात्र अपनी पुरानी यादें हम सब से बाँट रहे थे और वही हम सब नये छात्र अपने पुराने कॉलेज की यादों में खो गए थे।कोई व्यक्ति कुछ भी बन जायें, वह कितना भी सफल हो जायें परंतु अपने पुराने कॉलेज के दोस्तों के आगे उसकी एक नही चलती। हमारी सारी शेखी उन महान पुरूषों के आगे धरी की धरी रह जाती है। आख़िर हो भी क्यों न ये हमारे उस सुख दुःख के साथी है जिनके साथ हमने अपने सारे राज बाटे, अपनी खुशियों का जश्न मनाया और दुःख के समय इन्ही कंधो पर रोए भी। हमारे ये दोस्त हमेशा हमारे साथ रहें या न रहें पर उनकी सारी यादें हमेशा हमारे साथ थी, हैं और रहेगी। दोस्तो, हमेशा याद आयेगें वो पल।

2 comments:

  1. jindagi vaky yadon me hi jinda rahti hai.kitni khobsurat aur masum,,,kabhi kabhi kitni kadi bhi....par jo bhi ho yade hi hame samahlti hai..........nice

    ReplyDelete
  2. colledge ke din bhi kya din the

    ReplyDelete